अक्सर यूँ ही जिंदगी से, मैं मिलती रही क्योंकि मृगतृष्णा के पीछे चलती रही। अक्सर यूँ ही जिंदगी से, मैं मिलती रही क्योंकि मृगतृष्णा के पीछे चलती रही।
मिलकर कदम बढ़ाना होगा। सृष्टि पर आए संकट से , सबको हमें बचाना होगा ।। मिलकर कदम बढ़ाना होगा। सृष्टि पर आए संकट से , सबको हमें बचाना होगा ।।
तभी प्रकृति रहेगी पक्षियों का अस्तित्व रहेगा नहीं तो पक्षियों की प्रजाति विलुप्त हो जायेगी। तभी प्रकृति रहेगी पक्षियों का अस्तित्व रहेगा नहीं तो पक्षियों की प्रजात...
नेकी करके हाथो को जलाना ही है। नेकी करके हाथो को जलाना ही है।
बनाने में किसी का तन गया, किसी का बचपन गया। बनाने में किसी का तन गया, किसी का बचपन गया।
ईश्वर ने बनायी, एक मूरत प्यारी जिसे कहती माँ, दुनिया सारी। ईश्वर ने बनायी, एक मूरत प्यारी जिसे कहती माँ, दुनिया सारी।